लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी सैफुल्लाह खालिद को पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया है.  आतंकी भारत में हुए तीन हमलों में शामिल था.

यह खबर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी सैफुल्लाह खालिद का मारा जाना आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा सकती है, भले ही यह कार्रवाई पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों द्वारा की गई हो।

मुख्य बिंदु इस घटनाक्रम के:

1. सैफुल्लाह खालिद की गतिविधियाँ:

पहले नेपाल से अपनी गतिविधियाँ संचालित करता था।

वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदीन जिले के मतली क्षेत्र में सक्रिय था।

2. भारत में उसके आतंकी षड्यंत्र:

2006, नागपुर (RSS मुख्यालय हमला):
एंबेसडर कार में पुलिस की वर्दी पहनकर हमला करने आए आतंकियों को पुलिस ने पहले ही ढेर कर दिया।
उनके पास AK-56, हैंड ग्रेनेड और RDX था।

2008, रामपुर CRPF कैंप हमला:
इस हमले में सात जवान शहीद हुए। NIA ने बाद में तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा दी।

2005, IISc बेंगलुरु हमला:
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बाद गोलीबारी की गई जिसमें एक प्रोफेसर की मौत हुई।

यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है?

यह दर्शाता है कि भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवादी अब स्वयं भी सुरक्षित नहीं हैं, भले वे पाकिस्तान की सरजमीं पर हों।

साथ ही, यह पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क की आंतरिक अस्थिरता या संभावित आपसी टकराव की ओर भी संकेत करता है।

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