अहमद अल-शरा, जो कभी अमेरिका द्वारा वांछित आतंकवादी थे, अब सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति हैं। 14 मई 2025 को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के रियाद में अल-शरा से मुलाकात की और उन्हें “युवा, आकर्षक और मजबूत” नेता बताया। यह बैठक अमेरिका और सीरिया के राष्ट्राध्यक्षों के बीच 25 वर्षों में पहली थी, जो सीरिया में बशर अल-असद शासन के पतन के बाद एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है।
अहमद अल-शरा: आतंकवादी से राष्ट्रपति तक का सफर

पूर्व नाम: अबू मोहम्मद अल-गोलानी
जन्म: 1982, रियाद, सऊदी अरब
कट्टरपंथ की शुरुआत: 2003 में इराक में अल-कायदा से जुड़ाव
गिरफ्तारी: 2006 में अमेरिकी सेना द्वारा पकड़े गए; 2011 में रिहा
नेतृत्व: अल-नुसरा फ्रंट के प्रमुख, बाद में हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का गठन
राजनीतिक परिवर्तन: 2017 में अल-कायदा से संबंध तोड़कर अधिक “उदारवादी” छवि अपनाई
शासन परिवर्तन: दिसंबर 2024 में असद शासन के पतन के बाद अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त
ट्रंप और अल-शरा की बैठक: नई दिशा की ओर
रियाद में हुई इस बैठक में ट्रंप ने सीरिया पर लगे लंबे समय से चले आ रहे अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने की घोषणा की। उन्होंने अल-शरा से इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ कार्रवाई, विदेशी आतंकवादियों को निष्कासित करने और इजरायल के साथ संबंध सामान्य करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। अल-शरा ने इन मांगों पर सैद्धांतिक सहमति जताई।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इजरायल: ट्रंप के इस कदम से इजरायल में चिंता बढ़ी है, क्योंकि अल-शरा को अभी भी एक सुरक्षा खतरे के रूप में देखा जाता है।
फ्रांस और अन्य यूरोपीय देश: अल-शरा के नेतृत्व को सीमित समर्थन मिला है, जिसमें फ्रांस ने उन्हें आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है।
मध्य पूर्व: सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों ने अल-शरा के साथ संबंध स्थापित किए हैं, जबकि ईरान और रूस की भूमिका सीमित हो गई है।
निष्कर्ष
अहमद अल-शरा का आतंकवादी से राष्ट्रपति बनने का सफर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक असाधारण परिवर्तन है। ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात और प्रतिबंधों का हटाया जाना सीरिया और अमेरिका के बीच संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत है। हालांकि, उनकी कट्टरपंथी पृष्ठभूमि और वर्तमान में उठाए गए कदमों के बीच संतुलन बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।