
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सैन्य ताकत का एक बार फिर प्रभावशाली प्रदर्शन देखने को मिला। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस हथियार प्रणाली पर सबसे ज़्यादा भरोसा जताया, वो थी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल — एक ऐसा स्ट्राइकिंग सिस्टम जो पूर्व राष्ट्रपति और ‘मिसाइल मैन’ डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के विज़न का जीवंत प्रतीक है।
ब्रह्मोस मिसाइल की सबसे खास बात है इसकी तेज़ रफ्तार (Mach 2.8 से ऊपर), सटीक निशाना, और ज़मीन, हवा, समुद्र—तीनों से लॉन्च किए जाने की क्षमता। ऑपरेशन सिंदूर में इसकी सटीकता और ताकत ने दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाकर भारतीय सेना की रणनीतिक बढ़त को पुख्ता किया।
डॉ. कलाम का सपना था कि भारत सिर्फ आत्मनिर्भर न बने, बल्कि रक्षा क्षेत्र में वैश्विक मानकों को पार करे। ब्रह्मोस उसी सोच की देन है—भारत और रूस की संयुक्त परियोजना, जिसे भारतीय वैज्ञानिकों ने रणनीतिक दिशा दी। ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया कि डॉ. कलाम का सपना सिर्फ फाइलों में नहीं, बल्कि मैदान-ए-जंग में भी ज़िंदा है।
ब्रह्मोस सिर्फ एक मिसाइल नहीं, भारत के वैज्ञानिक आत्मबल और पूर्व राष्ट्रपति कलाम के दीर्घदर्शी नेतृत्व का जीवंत उदाहरण है—जो हर ऑपरेशन में देश की सुरक्षा को और मज़बूत करता जा रहा है।
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