
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने दो पूर्व जिहादियों — इस्माइल रॉयर और शेख हमजा यूसुफ — को व्हाइट हाउस के धार्मिक स्वतंत्रता सलाहकार बोर्ड (Advisory Board of Lay Leaders) में नियुक्त किया है। इन दोनों की पिछली गतिविधियों और चरमपंथी संगठनों से कथित संबंधों के कारण यह नियुक्ति विवादों में आ गई है।
आइए जानते हैं इस्माइल रॉयर कौन हैं?
इस्माइल रॉयर, जिनका असली नाम रान्डेल टॉड रॉयर है, ने 1992 में इस्लाम धर्म अपनाया।
उन पर 2003 में अलकायदा और लश्कर-ए-तैयबा को सहायता प्रदान करने का आरोप लगा था।
उन्होंने 2004 में हथियारों और विस्फोटकों के उपयोग में सहायता करने और उन्हें बढ़ावा देने का अपराध स्वीकार किया, जिसके लिए उन्हें 20 वर्ष की सजा सुनाई गई थी और उन्होंने 13 वर्ष जेल में बिताए।
रॉयर ने स्वीकार किया कि उन्होंने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया और अन्य लोगों को भी वहां भेजा।
–अब जानते हैं कि दूसरा शख्स,
शेख हमजा यूसुफ कौन हैं?
शेख हमजा यूसुफ, कैलिफोर्निया स्थित ज़ैतूना कॉलेज के सह-संस्थापक हैं।
उन पर हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे संगठनों से संबंध होने के आरोप लगे हैं।
9/11 हमलों से दो दिन पहले, उन्होंने एक कार्यक्रम में भाषण दिया था जिसमें उन्होंने अमेरिका को नस्लवादी देश कहा था और एक आरोपी को फंसाए जाने का दावा किया था।
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⚠️ क्यों है विवाद?
इन दोनों की नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि:
इनके अतीत में चरमपंथी संगठनों से संबंध रहे हैं।
इनकी नियुक्ति से राष्ट्रीय सुरक्षा और सलाहकार बोर्ड की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं।
ट्रंप समर्थक पत्रकार लॉरा लूमर ने इस पर सबसे पहले ध्यान आकर्षित किया, जिससे यह मुद्दा और गर्मा गया।
—हालांकि दोनों व्यक्तियों ने अपने अतीत से दूरी बना ली है और अब धार्मिक एवं शैक्षणिक क्षेत्रों में सक्रिय हैं, लेकिन उनके अतीत के कारण इनकी नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है। यह मामला अमेरिका में चरमपंथ, पुनर्वास और सार्वजनिक पदों पर नियुक्ति के मानकों पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म दे सकता है।