
बेंगलुरु, 5 जून 2025 – रिपोर्ट: आपतक न्यूज़ 24
‘जीत का जश्न हो और विराट कोहली सामने हों… कौन पीछे रहेगा?’
कुछ ऐसी ही सोच लेकर लाखों क्रिकेट प्रेमी बुधवार को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम की ओर उमड़ पड़े। लेकिन IPL 2025 में RCB की ऐतिहासिक जीत का जश्न दर्दनाक हादसे में बदल गया। भीड़ में मची भगदड़ में 11 प्रशंसकों की मौत हो गई, जबकि 47 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
इस हादसे ने सिर्फ कर्नाटक प्रशासन को नहीं, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे हो गई?
7 वजहें जिन्होंने जश्न को जनाजा बना दिया:
1️⃣ क्षमता का तीन गुना क्राउड
चिन्नास्वामी स्टेडियम की अधिकतम दर्शक क्षमता लगभग 40,000 है। लेकिन बुधवार को वहां 1.5 लाख से भी ज्यादा लोग पहुंच गए। मैदान के अंदर क्या, चारों ओर हर दिशा से इंसानों का सैलाब उमड़ा।
2️⃣ दीवार, नाले और पेड़ों पर चढ़ते प्रशंसक
लोग सिर्फ टिकट लेकर नहीं आए थे, वे दीवारों पर चढ़े, नालों के स्लैब पर खड़े थे, कुछ तो पेड़ों की शाखाओं तक पर विराजमान थे – बस RCB की झलक पाने के लिए।
3️⃣ पूरे गेट नहीं खोले गए
सुरक्षा इंतज़ामों के नाम पर सिर्फ गिने-चुने गेट खोले गए, जबकि स्टेडियम के बाकी गेट बंद रहे। इससे भीड़ bottleneck बनाकर गेट पर टूट पड़ी, और भगदड़ मच गई।
4️⃣ टिकट और एंट्री में कन्फ्यूजन
यह स्पष्ट नहीं किया गया कि कार्यक्रम फ्री होगा या टिकट आधारित। फ्री एंट्री की अफवाहों ने आग में घी का काम किया और भीड़ बिना सोचे-समझे उमड़ पड़ी।
5️⃣ मेट्रो से आया अनियंत्रित हुजूम
पुलिस ने सड़कों पर तो निगरानी की, लेकिन भीड़ का बड़ा हिस्सा मेट्रो से स्टेडियम पहुंचा, जिसे रोकने या डायवर्ट करने का कोई पूर्व इंतज़ाम नहीं था।
6️⃣ आरसीबी परेड को लेकर भ्रम
अंतिम समय तक यह स्पष्ट नहीं हुआ कि विराट कोहली और टीम परेड में हिस्सा लेंगी या नहीं। इस असमंजस में लाखों लोग यही सोचते रहे कि “शायद अब दिख जाएं… शायद अब आएं।”
7️⃣ वीआईपी सुरक्षा में उलझी पुलिस
जहां आम जनता दम घुटने से जूझ रही थी, वहीं ज्यादातर पुलिसकर्मी वीआईपी सेक्शन में तैनात रहे। आम लोगों की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मात्र गिने-चुने जवान मौजूद थे।
कौन है जिम्मेदार?
हादसे के बाद कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन (KCA) पर उंगली उठाई है। वहीं KCA प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा कर रहा है।प्रशंसकों की चीखें और नाराज़गी
भीड़ में शामिल एक घायल दर्शक का कहना था:
> “हम जीत का जश्न मनाने आए थे, लेकिन यहां तो अफरा-तफरी और मौत का मंजर था। किसी को कोई परवाह नहीं थी…”
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नतीजा: 11 शव, टूटी उम्मीदें, और एक सवाल… क्या ये टल सकता था?
बेंगलुरु की वो सुबह जो जश्न की होनी थी, मातम में बदल गई।
RCB ने भले IPL ट्रॉफी जीत ली हो, लेकिन मानवता, प्रबंधन और संवेदनशीलता की इस स्टेडियम में करारी हार हुई है।
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आपतक न्यूज़ 24 की विशेष रिपोर्ट