
चौक पर ट्रांसफॉर्मर की अव्यवस्थित स्थापना: यातायात और जनसुरक्षा पर मंडराता खतरा
आज के दौर में जब शहरी जीवन की सबसे बड़ी समस्या यातायात व्यवस्था बन चुकी है, ऐसे में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर किसी प्रकार का निर्माण या संरचना यदि बिना योजना और विवेक के की जाती है, तो वह न केवल यातायात में अवरोध उत्पन्न करती है, बल्कि आम जनजीवन के लिए भी खतरा बन जाती है।
इसी संदर्भ में आज चौक पर बिजली विभाग द्वारा एक नया ट्रांसफॉर्मर मनमाने तरीके से स्थापित किया जा रहा है। यह ट्रांसफॉर्मर न केवल पूरी सड़क को घेर रहा है, बल्कि उसकी स्थिति ऐसी है कि वह चौक की पहले से जर्जर और भीड़भाड़ वाली यातायात व्यवस्था को और भी अस्त-व्यस्त बना रहा है। उल्लेखनीय है कि चौक पहले ही अति व्यस्त क्षेत्र है, जहाँ दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में इस प्रकार की अराजक व्यवस्था से आम नागरिकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
बिना पूर्व सूचना और यातायात विभाग से समन्वय किए इस तरह के कार्य न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाते हैं, बल्कि यह आम जनता की सुरक्षा को भी नजरअंदाज करने जैसा है। खुले में लगे ट्रांसफॉर्मर से करंट फैलने, स्पार्किंग या अन्य तकनीकी गड़बड़ियों के कारण हादसों की संभावना बनी रहती है। खासकर वर्षा ऋतु में ऐसे ट्रांसफॉर्मर जानलेवा सिद्ध हो सकते हैं।
जरूरत इस बात की है कि ट्रांसफॉर्मर जैसी महत्वपूर्ण संरचनाओं की स्थापना तकनीकी मानकों, सुरक्षा दिशा-निर्देशों, और यातायात प्रबंधन को ध्यान में रखकर की जाए। स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग को चाहिए कि वे इस कार्य को तुरंत संज्ञान में लें, और अविलंब इस ट्रांसफॉर्मर को उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करें, जहाँ यह न तो ट्रैफिक में बाधा बने, न ही लोगों के लिए खतरा।
साथ ही, भविष्य में इस प्रकार के कार्यों से पहले स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों से संवाद स्थापित कर योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्वयन किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके। जब तक नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक इस प्रकार की अव्यवस्था शहर के विकास में बाधा ही बनेगी।